अनिरुध्दाज् युनिवर्सल बँक ऑफ रामनाम जप की जानकारी एवं रामनाम की महिमा

जो नाम सदियों से उसके लिये इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसका इतना जप होता रहा है, उस नाम के साथ अपनेआप बहुत सारे बडे vibrations इकठ्ठे हो जाते है। आजही मैने बताया, मेरे पास वो कागज नही है, कि अपने रामनाम बँक में कितना जप हुआ है। अब जितना इस समय याद है, आपको बताता हुँ। कि पूरा जप सिर्फ दो महिने में, रामनाम बँक में १४६ करोड हुआ है। १४६ करोड। 146 crores. इतनी जपसंख्या हुई है रामनाम बँक में। याने, यहा कितनी बडी शक्ति, इस बँक में इकठ्ठी हुई है, already. जरा सोचिये भाई, एक इन्सान अपने घर में बैठकर जो प्रार्थना करता है, तब भी उसकी प्रार्थना सुनी जाती है, भगवान सुनता है। जब यहा इतना बडा जप, इतनी बडी मात्रा में लोग कर रहे है, वो एक जगह में केंद्रित हो रहा है। उससे बँक बन रही है। याने वहा कितने बडे vibration का continuous स्रोत होगा। सुंदरकांड में एक श्लोक आता है, 
सजल मूल जिन्ह सरितन्ह नाही। बरषि गये पुरी तबही सुखाई॥
सजल मूल जिन्ह सरितन्ह नाही। जिस नदी का मूल ही सजल नही है, याने सिर्फ बरसात के दिनों में उसे पानी आता है तब पानी आता है, लेकिन गंगा कैसी है, हिमालय से उगती है। हिमालय में बर्फ ही बर्फ है। जब वर्षा ऋतु आई, तो बरसात का पानी आ रहा है, वर्षा ऋतु नही है, तब धूप के कारण बर्फ जो है, पिघलता है, और पानी बहता है। याने ये तो गंगा बहती ही रहती है। बरसात हो या ना हो, कभी वहा सूखा अकाल नही होता गंगा के प्रदेश में। वैसे ही जो नाम जिसका जब करोडो भक्त ऐसे १४६ करोड संख्या में किया जाता है, सदियों से किया जाता है, तो उसकी एक अपनी स्पेस होती है। अभी आजकल के हम सभी लोग जानते है मोबाईल फोन क्या होता है? राईट? उसका टेक्निक हम लोग नही जानते होगे, लेकिन हम जानते है कि मोबाईल फोन लोग कैसे इस्तेमाल करते है, उसकी कोई वायर नही होती। कोई attachment करने के लिये attach करने की जरुरत नही होती और कहा भी हम लेकर घूम सकते है, roam-free. लेकिन, हम टि.व्ही पर देखते है, कि कोई प्रॉब्लेम हो जाता है, केस हो जाती है, तो दो साल पहले भी जो फोन पर कॉन्टॅक्ट हुआ था उसकी जानकारी हम लोग हासिल कर सकते है। कॉम्प्युटर होता है आजकल, कॉम्प्युटर में इंटरनेट रहता है। हम लोग अपने बटन दबाते है, की दबाते है, इंटरनेट पे हमे जो याने महाजाल जिसे कहते है, information का महाजाल, माहिती का महाजाल, knowledge का महाजाल, जो भी हम बटन दबाते है, जो भी शब्द हम फीड करते है, उसके अनुसार जो साईट्स है, या knowledge जो है वो हमे प्राप्त होता है स्क्रीन पर। तो ये मोबाईल फोन पर हम जो बात करते है, ये सारी बाते, और ये इंटरनेट की जो सारी चीजे है, क्या वो हमारे कॉम्प्युटर के खोके में रहती है? मोबाईल के इतने छोटेसे पीस में रहती है? नही।  that is called as electronic space. electronic space होती है वो। आप बताये electronic space कहा है? can you define it with borders? कि २० माईल लंबी, और १५ माईल्स कि breadth कि? ऐसी एक स्पेस है किस जगह मे है? जिसे electronic space कहते है? नही, we cannot, but it is there. जो vibrations, फिसिक्स फ्रिक्वेंसी के vibrations हम इस्तेमाल करते है, उस vibrations के कंपनों के अनुसार, ये स्पेस है। It is definitely present. वैसे हमें जानना चाहिये, कि जो शब्द हम उच्चारते है, या मन में जिस पवित्र शब्द का उच्चारण करते है, उनकी भी एक स्पेस होती है। which is beyond electronic space. electronic space तो मनुष्य के बस की बात होती है, लेकिन भगवान का नाम जो है, भगवत भक्ति जो है, उसकी भी एक स्पेस होती है। और ये electronic में भी electromagnetic field,  कि भी beyond होती है। electronic से सुक्ष्म क्या है? तो electromagnetic field. electromagnetic याने विद्युतचुंबकीय शक्ती। क्या है? सूर्यप्रकाश। सूर्यप्रकाश is what? electromagnetic waves. विद्युतचुंबकीय शक्ती. प्रकाश को सूर्य से निकलकर पृथ्वी पर आने के लिये किसी माध्यम की आवश्यकता नही है। लेकिन ध्वनी को है। सिर्फ electronic उपकरण के लिये है। इलेक्ट्रिक करंट्स के लिये माध्यम की आवश्यकता है। लेकिन सूर्य का प्रकाश इतने दूरी से निकलकर हम तक पहुँचता है, किसी माध्यम के बिना, even traveling through a vaccum, निर्वाक प्रदेश से भी आ पहुँचता है। याने electronic से भी electromagnetic field, ये बहुत सूक्ष्म है। अधिकतर सूक्ष्म है। और सूर्यप्रकाश से भी ज्यादा सूक्ष्म होता है, ये भगवान का नाम। और हमारे मन में जो भक्ति है, जो भगवान के प्रति श्रद्धा है, वो और भी सूक्ष्म रहती है। 

 



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